Friday, 10 August 2018

हर डायमंड पर रहेगी ब्लॉकचेन की नज़र

डायमंड व्यापार और ब्लॉकचेन प्रौद्योगिकी के बीच सामंजस्य बिठाने के उद्देश्य को देखते हुए व्यापारी और आईटी क्षेत्र आगे आये है। ताकि कारोबार को सुरक्षा और पारदर्शिता दोनों मिल सके। डी बीयर्स द्वारा शुरू किये गए प्रयास में ट्रैकर की मदद से माइनिंग से लेकर ग्राहक तक डायमंड की हर एक गतिविधि पर नज़र रखना संभव हो सकेगा। इसके ज़रिये न तो डिलीवरी में देरी होगी और न ही डायमंड के खोने या चोरी होने का भय रहेगा। एथेरियम ब्लॉकचेन प्रौद्योगिकी पर आधारित प्रक्रिया को फिलहाल कई डायमंड कंपनियों के साथ परीक्षण के तौर पर शामिल किया जा रहा है।

गौरतलब है की डी बीयर्स और बीसीजी डिजिटल वेंचर ने 6 महीने पहले ये कार्ययोजना तैयार की थी। इसके अंर्तगत कुछ चुनिंदा कंपनियों के साथ सहभागिता हुई और डायमंड के क्षेत्र को सुरक्षित बनाने के प्रयास तेज़ हो गए। योजना के अंर्तगत सबसे माइनिंग की रूप रेखा तैयार कर डायमंड को आकर और गुणवत्ता के आधार पर ब्लॉकचेन प्रौद्योगिकी पर आधारित ट्रैकर पर पंजीकृत किया जाएगा।

5 से 10 कैरेट शुद्धत्ता वाले डायमंड होंगे ट्रैक

ट्रैकर एथेरियम  प्रणाली पर काम करने के लिए पूरी तरह से सुरक्षित माना गया है। व्यापारी और ग्राहक दोनों को किसी भी भुगतान से पहले अपने केवाईसी को पूरा करना होगा। तत्पश्चात ट्रैकर में दर्ज़ की गयी जानकारी को मर्चेंट और आईटी टीम को साझा किया जाएगा। जो की ट्रैकर का संचालन करने के लिए गठित होगी।ब्लॉकचेन

बिज़नेस स्टैण्डर्ड के मुताबिक पहले चरण में 5 से 10 कैरेट शुद्धत्ता वाले डायमंड को ट्रैक करने की व्यवस्था बनायी जा रही है। ब्लॉकचेन प्रौद्योगिकी की मदद से भारतीय बाजार में अनौपचारिक रूप से संचालित कारखानों को भी लिस्टेड करने का काम किया जाएगा। ताकि डायमंड व्यापार पर हर तरह से निगरानी रखी जा सके।  ट्रैकर का प्रयोग करने का लक्ष्य ग्राहकों को डायमंड की शुद्धता और सुरक्षा दोनों प्रदान कराना है। जबकि व्यापारियों को भी इसके इस्तेमाल के बाद जोखिम का भय काम करने में काफी मदद मिलेग।

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