साल भर की ढिलाई के बाद थाईलैंड सरकार एक बार फिर सोलर एनर्जी या अन्य ऊर्जा कंपनियों के साथ साथ ब्लॉकचेन प्लेटफार्म पर बड़े राजस्व को लागू करने जा रहा है। इस नयी कवायद से जहां गैरकानूनी रूप से चल रहे उद्योग नज़र में आयंगे वहीँ दूसरी तरफ बड़े हुए शुल्क से स्थानीय सरकार के राजस्व में इज़ाफ़ा होगा।
गौरतलब है की थाईलैंड की विद्युत उत्पादन प्राधिकरण (ईजीएटी) ने मांग की है कि शुल्क को संभावित रूप से अस्थिर करने के लिए सब्सिडी के रूप में भुगतान किया जाना चाहिए। इसके लिए ब्लॉकचेन की मदद लेनी चाहिए। थाईलैंड में सोलर एनर्जी प्लांट उपभोक्ताओं की तादाद तेज़ी से बढ़ी है। जैसे-जैसे बाजार बड़े होते हैं, राज्य संचालित उपयोगिताओं से कम बिजली खरीदी जा रही है। यानी की राज्य सरकार के द्वारा स्थापित पारंपरिक बिजली उद्योग के लिए मिलने वाले राजस्व में भारी कमी देखी जा रही है ।
बढे शुल्क से राजस्व की भरपाई
थाईलैंड में ऊर्जा के क्षेत्र में डिसेंट्रलाइजेशन में वृद्धि हो रही है। यहाँ ब्लॉकचेन उपभोक्ताओं का एक नया वर्ग विकेंद्रीकृत पीयर-टू-पीयर (पी 2 पी) ऊर्जा बाजारों पर अधिशेष सौर ऊर्जा खरीदने से लेकर बेचकर लाभ कमाने की दृष्टि से राज्य की स्वामित्व वाली इकाइयों की पेशकश कर रही है।
द नेक्स्ट वेब के मुताबिक ब्लॉकचैन प्लेटफार्म से सम्बंधित नियमावली को फिर से विचारित किया गया। जिसमें पाया गया की एक साल पहले ऐसे मामलों में छूट देने की वजह से राज्य में सोलर एनर्जी और अन्य ऊर्जा के उद्योग तेज़ी से बढ़ गए। जो की सरकारी एजेंसियों से बिजली नहीं लेकर खुद ही उत्पादन में लगे है। वहीँ दूसरी तरफ निक्की एशियन के अनुसार थाईलैंड की सरकार ने ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी की मदद से ही तमाम सोलर एनर्जी उत्पादकों को संग्रहित किया है। जिससे पता चला की राज्य में एक साल में इनकी संख्या में 40 फीसदी से भी अधिक की वृद्धि हुई है। अब सरकार ने इनपर लगाए जाने वाले शुल्क को बढ़ा दिया है ताकि सरकार को घाटे से बचाया जाए सके।
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