डिफेंस के बाद स्टेट पेंशन फंड भी अपनाएगा ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी

ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी को अमल में लाने से

डिफेंस क्षेत्र को अपग्रेड करने के बाद रूस में श्रमिकों और पेंशन धारकों की सहूलियत के लिए ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल होने जा रहा है। सम्बंधित ईकाइयों के लिए आर्थिक ढांचा तैयार करने वाला स्टेट पेंशन फंड (पीएफआर) टेक्नोलॉजी का प्रयोग कर वेतन, अनुबंध और डेटा संरक्षण को पारदर्शी और सुरक्षित बनाने की योजना पर काम कर रहा है। नयी व्यवस्था अमल में लाने के बाद कागजी कारवाही से बचा जा सकेगा और श्रमिकों के अधिकारों के हो रहे हनन पर भी रोकथाम संभव होगी।

रोज़गार और उद्योग क्षेत्र पर नज़र

गौरतलब है कि पिछले कुछ समय से रूस में श्रमिकों के अधिकारों और वेतन प्रणाली को लेकर कई तरह की कोताही के मामले सामने आ रहे है। जिसकी वजह से छोटे और मध्यम उद्योगों की कार्यप्रणाली और आय पर फर्क पड़ रहा है। इन हालातों को देखते हुए स्टेट पेंशन फंड ने ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी के ज़रिये एक ऐसा प्लेटफार्म निर्मित करने की योजना बनायी है, जहाँ रोज़गार और उद्योगों से जुड़े सभी आयाम पर पैनी नज़र रखी जा सकेगी। श्रमिकों के पंजीकरण से लेकर अनुबंध तक की सभी प्रक्रिया को डिजिटल पटल पर संगृहीत किया जायेगा। ताकि ज़रूरत पड़ने पर डेटा को तुरंत खंगाला जा सके। इस प्रयास के बाद उद्योग जगत से जुड़े कामों में पारदर्शिता आएगी और श्रमिकों को कागज़ी पचड़े में भी नहीं पड़ना होगा।

क्रिप्टोवेस्ट के अनुसार ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी को अमल में लाने से छोटे और मध्यम उद्योगों की स्तिथि में सुधार आएगा। जहाँ कार्यप्रणाली को लेकर श्रमिकों का भरोसा सरकार के प्रति बढ़ेगा। वहीँ उन्हें रोज़गार के अधिक अवसर भी प्रदान  होंगे। बतौर कॉइन टेलीग्राफ साल 2018 के मध्य से रूस में पेंशन व्यवस्था को इस टेक्नोलॉजी के अंतर्गत लाया गया था। जहाँ अभी तक सरकार को सकारात्मक परिणाम मिले हैं।  जिससे उत्साहित होकर पीएफआर अधिक से अधिक कार्यक्षेत्रों में इस नयी डिजिटल टेक्नोलॉजी को स्थापित करने का मन बना रही है।

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