माइक्रोसॉफ्ट देश में ब्लॉकचेन प्रौद्योगिकी को विकसित करने की कवायद में लगा है। ताज़ा उदाहरण टेक महिंद्रा कर माइक्रोसॉफ्ट का समझौता है जहाँ दोनों मिलकर संचार के क्षेत्र में उपभोक्ताओं की सुविधा के लिए कार्य करने जा रहे है। टेलीकॉम रेगुलेटरी अथॉरिटी आफ इंडिया (ट्राई ) के आदेश के बाद भरतीय उपभोक्ताओं को अनचाही फोनकॉल से मुक्ति दिलाने के लिए प्लेटफार्म तैयार करने जा रहा है। यह प्लेटफार्म ब्लॉकचेन प्रौद्योगिकी पर आधारित होगा।
टेक महिंद्रा और माइक्रोसॉफ्ट की संयुक्त परियोजना
गौरतलब है की ट्राई ने सभी टेलीकॉम कंपनियों को ब्लॉकचेन के अंतर्गत कार्य करने के आदेश जारी किये थे। जिसके बाद आईटी कम्पनी टेक महिंद्रा और माइक्रोसॉफ्ट ने संयुक्त परियोजना पर लिए सहमति ज़ाहिर की है। माइक्रोसॉफ्ट एज़ूर प्लेटफार्म पर टेक महिंद्रा और माइक्रोसॉफ्ट काम करने जा रहे है। जहाँ ब्लॉकचेन की मदद से एक ऐसा पटल बनाया जाएगा जहाँ ग्राहकों को अनचाही कॉल से छुटकारा दिलाने के लिए प्रोग्राम तैयार किया जाएगा। प्रयास किये जा रहे हैं की ग्राहक से लेकर वितरक, व्यापारी और कम्पनी को एक ही मंच पर लाकर डेटा पंजीकृत किया जाए। इससे उपभोक्ताओं को धोखेधड़ी वाली अनचाही काल से निजात मिलेगी नए मानदंडों के तहत, विपणन कॉल प्राप्त करने के लिए ब्लॉकचैन पर उपयोगकर्ता की सहमति स्पष्ट रूप से दर्ज की जानी चाहिए। उपयोगकर्ताओं को जब चाहें उनकी सहमति को निरस्त करने में सक्षम होना चाहिए।
क्यूरिस के मुताबिक ब्लॉकचेन प्रौद्योगिकी को विकसित कर टेलीकॉम क्षेत्र को मज़बूत बनाने के लिए टेक महिंद्रा और माइक्रोसॉफ्ट जिस परियोजना पर काम कर रहे है। उसमें यूसीसी के एक साझा, सुरक्षित खाताधारक कंप्यूटर के नेटवर्क में वितरित किया जाएगा। जो की कंपनियों को अपने नेटवर्क पर यूसीसी को कम करने में मदद करने के लिए एक पारदर्शी और सत्यापन योग्य प्रणाली सुनिश्चित करेगा। हालांकि अभी प्लेटफार्म को लेकर तैयार किये गए खाके को पूर्ण रूप से सार्वजनिक नहीं किया गया है। लेकिन विशेषज्ञों का मानना है की आईटी क्षेत्र की दो बड़ी कंपनियां साथ आयी है ऐसे में टेलीकॉम इंडस्ट्री को नयी दिशा मिलेगी और ग्राहकों के लिए भी कई तरह के विकल्प खुलेंगे।
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