ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी के अध्ययन और विकास के लिए ब्राज़ील की तरफ से की गयी पहल में ब्राजील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका (ब्रिक्स ) के बैंक एक ही मंच पर काम करने के लिए साथ आ रहे है। सहमति के लिए एक एमओयू साइन किया गया है जिसमें सभी देशों के बैंको ने प्रतिबद्धता दिखाते हुए इस ओर समुचित कदम उठाने की बात कही है। समझौते के तहत वितरित खाता प्रौद्योगिकी (डीएलटी) को और अधिक विकसित करने पर ज़ोर दिया जायेगा। साथ ही इन देशों के बीच इंटरनेट व्यापार को बढ़ाने के लिए ज़रूरी कार्यों पर भी विचार और शोध साझा किये जाएंगे।
टेक्नालाजी अनुकूल व्यापारिक माहौल
ब्राजीलियाई नेशनल बैंक फॉर इकोनॉमिक एंड सोशल डेवलपमेंट (बीएनडीईएस), स्टेट कॉरपोरेशन बैंक फॉर डेवलपमेंट एंड फॉरेन इकोनॉमिक अफेयर्स (वेनेसहेकंबैंक), भारत के निर्यात-आयात बैंक, चीन विकास बैंक और दक्षिण अफ्रीका के विकास बैंक (डीबीएसए) ने सहमति के साथ समझौते पर साइन करते हुए ब्लॉकचैन टेक्नालाजी के विकास और इसके अनुकूल व्यापारिक माहौल तैयार करने के लिए एकजुटता दिखाई। गौरतलब है कि ये सभी देश ब्लॉकचैन को लेकर काफी सकारत्मक रूख अपनाये हुए हैं। स्वास्थ्य, परिवहन, संचार और अन्य सार्वजनिक क्षेत्रो में इसी प्लेटफार्म के ज़रिये सुविधाएं दी जा रही है।
ज़ेडनेट के अनुसार ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी को लेकर ब्राज़ील के नेशनल बैंक फॉर इकोनॉमिक एंड सोशल डेवलपमेंट ने अन्य चार देशों के अलावा भी एशिया यूरोपीय देशों के साथ मिलकर टेक्नोलॉजी के उत्थान के कार्य कर रहा है। यह सभी पहले से ही शोध और ब्लॉकचेन आधारित ऐप और प्लेटफार्म मुहैया कराने का काम कर रहे है। ब्रिक्स में भारत पहले से ही एहम भूमिका अदा करता आया है। नए समझौते के तहत हैदरबाद की आईटी कंपनियां ब्लॉकचेन को सार्वजनिक क्षेत्र की सेवाओं में शामिल करने और ऑनलाइन व्यापार को व्यवस्थित करने के लिए शोध को गति प्रदान करेंगी, जबकि चीन और ब्राज़ील हर संभव जानकारी को साझा करने के लिए तैयार है।
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