ज़िम्बाब्वे सरकार द्वारा क्रिप्टोकरेंसी ट्रेडिंग पर प्रतिबंध लगाने के बाद भी राज्य में क्रिप्टो उपयोगकर्ताओं की संख्या तेज़ी से बाद रही है। अर्थात बिटकॉइन और अन्य क्रिप्टो मुद्राओं का बड़े पैमाने पर इस्तेमाल हो रहा है। अधिकाँश लोग बैंकिंग सेवा से लेकर सार्वजनिक क्षेत्र की सेवाओं के लिए बिटकॉइन को पेमेंट के रूप में प्रयोग में ला रहे हैं। जिसकी प्रमुख वजह ज़िम्बाब्वे में चल आर्थिक मंदी को बताया जा रहा है। आंकड़ों की बात करें तो मनाही के बावजूद करीब 10 मिलियन लोग बिटकॉइन लेनदेन को प्राथमिकता दे रहे हैं।
10 मिलियन बिटकॉइन उपयोगकर्ता
गौरतलब है की पिछले काफी समय से ज़िम्बाब्वे मंदी की मार झेल रहा है एक तरफ जहाँ आयात के लिए विदेशी मुद्रा की कमी बढ़ गयी है। वहीँ दूसरी तरफ राजकीय मुद्रा के बांड्स भी पर्याप्त नहीं हो पा रहे है इसी अवस्था को देखते हुए क्रिप्टो निवेशकों ने मौके को भुनाने की कोशिश की और एक हद तक कामयाब भी हो गए। जिसका उदाहरण ज़िम्बाब्वे में 10 मिलियन से ज्यादा लोगों का बिटकॉइन ट्रेडिंग में शामिल होना है। किराया से लेकर बिलों तक अन्य घरेलू खर्चों तक, बिटकॉइन के साथ सब कुछ भुगतान किया जा रहा है। साथ ही जो लोग बैंक तक नहीं पहुँच पा रहे हैं उनके लिए भी यह एक अच्छा विकल्प साबित हो रहा है।
क्रिप्टो न्यूज़ इंडिया के अनुसार बिटकॉइन और अन्य क्रिप्टोकरेंसी ट्रेडिंग को लेकर स्थानीय निवेशक और नागरिक उत्साहित हैं। इसकी एक मुख्य वजह भुगतान व्यवस्था में काम शुल्क अदा करना भी है। ख़ास तौर पर वे लोग अधिक उपयोग कर रहे हैं जो की बैंकिंग प्रणाली से प्रून रूप से अभी तक नहीं जुड़ पाए हैं। ज़िम्फोकस नेट के अनुसार देश में अमेरिकी डॉलर, दक्षिण अफ़्रीकी रैंड, पाउंड स्टर्लिंग, यूरो, भारतीय रुपया, रेनमिन्बी और ऑस्ट्रेलियाई डॉलर के उपयोग की अनुमति के बाद भी आर्थिक मंडी को उबारा नहीं जा सका है। जिस वजह से लोग क्रिप्टोकरेंसी की तरफ रूख कर रहे हैं।
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