क्रिप्टोकरेंसी व्यापार को लेकर गूगल काफी सख्त रूख अपनाये हुए है यही वजह हैकि बेहद गोपनीय तरीके से एक बार फिर प्ले सोर स्टोर से तीन महत्वपूर्ण क्रिप्टोकरेंसी वॉलेट को हटा दिया गया है। इस कदम से हालांकि क्रिप्टो कंपनियां काफी नाराज़ नज़र आ रही है। लेकिन गूगल इसके पीछे क्रिप्टो माइनिंग की प्रतिबंधता का हवाला दे रहा है। ध्यान देने वाली बात ये है की इस बार हटाए गए वॉलेट के उपयोगकर्ताओं की संख्या 1 मिलियन से भी ज्यादा थी बावजूद इसके गूगल की तरफ से कोई रियायत नहीं बरती गयी।
को-पे और बिट पे को हटाया
पिछले छह महीनों की बात करें तो सरकारी निर्देशों और क्रिप्टो की प्रतिबंधता को लेकर गूगल और क्रिप्टो कंपनियों के बीच काफी खींचतान रही है। सरकारी तंत्र के प्रति स्वीकार्यता दिखाते हुए गूगल ने प्ले स्टोर से उन तमाम क्रिप्टो वॉलेट को हटाने का काम शुरू किया, जो की क्रिप्टो ट्रेडिंग और क्रिप्टो माइनिंग में लिप्त थी। ताज़ा मामले को देखें तो पिछले 24 घंटों के दौरान दो प्रमुख क्रिप्टोकरेंसी वॉलेट एप्स को हटाया गया है। उनमें को-पे और बिट पे हैं। इस दोनों के ज़रिये बिटकॉइन की माइनिंग और ट्रेडिंग की जा रही थी। हालांकि कम्पनी की तरफ से साफ किया गया है, की यह मात्र जानकारी के लिए ही थी। इनमें माइमिंग नहीं की जा रही थी। प्ले स्टोर अपडेट होने की वजह से कोई ग़लती हुई और ये ऐप हटा दी गयी और इसके लिए कम्पनी को किसी तरह की जानकारी भी नहीं दी गयी।
नेक्स्ट वेब के मुताबिक जिन क्रिप्टोकरेंसी वॉलेट को हटाया गया है उन्हें एंड्रॉयड उपयोगकर्ताओं ने को-पे और बिट पे दोनों को 100,000 से अधिक बार इंस्टाल किया है। जबकि बिटकॉइन वॉलेट में एक मिलियन से अधिक उपयोगकर्ता हैं। बतौर चेपीकैप क्रिप्टो वॉलेट को लेकर गूगल का रवैया स्थिर नहीं है, जबकि क्रिप्टो कंपनियां कई बार माइनिंग से सम्बंधित सुरक्षा के स्तरों और निर्देशों के बारे में सफाई दे चुकी है बावजूद इसके गूगल का व्यवहार सख्त बना हुआ है।
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